आवाज़ दो सूरज के उगने से पहले पंछियों की चहचहाहट | हिंदी कविता

"आवाज़ दो सूरज के उगने से पहले पंछियों की चहचहाहट मेरे कानों में दस्तक देते हुए कह रही है - उठो, आवाज़ दो, तुम्हारे आवाज़ देने से ही सवेरा होगा। ©Ajay Choubey"

 आवाज़ दो

सूरज के उगने से पहले
पंछियों की चहचहाहट
मेरे कानों में दस्तक देते हुए
कह रही है -

उठो, 
आवाज़ दो,
तुम्हारे आवाज़ देने से ही 
सवेरा होगा।

©Ajay Choubey

आवाज़ दो सूरज के उगने से पहले पंछियों की चहचहाहट मेरे कानों में दस्तक देते हुए कह रही है - उठो, आवाज़ दो, तुम्हारे आवाज़ देने से ही सवेरा होगा। ©Ajay Choubey

awaz do

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