बचपन का समय मजेदार था ,ना चिंता ना फ़िक्र थी
जो चाहा वो पापा ने लाके दिया ,माँ की ममता थी
खूब खेला खूब खाया था, जी भर के खूब सोया था
चुपके से रसोई में खाया था ,सारी खुशियाँ मेरे पास थी
बड़े होने के बाद ज़िम्मेदारी उठाया ,रोज कमाने निकल गया
पैसे कमाना जरूरी हैं ,ये पापा ने सिखाया ॥
©Kavi Patel
#Papa