"ज़माने के इतने जख्म मुझसे अब लिखा नहीं जाता
अब इस सहर मै कोई मर जाये तो उसे कोई दफनाने तक नहीं जाता
तुझसे क्या गिला,सिकवा करूं
यहाँ अब अपने मर जाते है तो उसके घर तक कोई नहीं जाता"
ज़माने के इतने जख्म मुझसे अब लिखा नहीं जाता
अब इस सहर मै कोई मर जाये तो उसे कोई दफनाने तक नहीं जाता
तुझसे क्या गिला,सिकवा करूं
यहाँ अब अपने मर जाते है तो उसके घर तक कोई नहीं जाता