किसी को मुमकिन करूँ
या खुद मुमकिन हो जाऊं
थोड़ा सा ठहरूं यहां
और फिर संभल जाऊं
नज़र का फ़रेब
मैं सिख लूं तुमसे
या गवा दूँ ये शाम
और सुबह हो जाऊं
ज़िन्दगी-ए-सागर
#मुमकिन#पोएट्री
किसी को मुमकिन करूँ
या खुद मुमकिन हो जाऊं
थोड़ा सा ठहरूं यहां
और फिर संभल जाऊं
नज़र का फ़रेब
मैं सिख लूं तुमसे