कोई लौटा सकता है तो लौटा दो
वो बचपन,बिगडा़पन शरारतें।
वो स्कूल और स्कूल के दोस्त,
वो संडे का जोश बड़ी सारी मौज
छुट्टियां होते ही बुआ का आना
उनके बच्चों संग मस्तियां कभी झगड़ा
कभी फिर अपनापन
कुछ घंटो की कुछ मिंटो की तकरार
फिर वापस ढेर सारा प्यार
कोई लौटा सकता है तो लौटा दो
गुडे गुड्डियो का शौक
खेल में दादा नानी बनने का रौब
कोई है इतना अमीर तो लौटा दो
©राजकुमारी...