हो करके यूं दुनिया से मगन ढूंढ रहे थे.. मुश्कि | हिंदी शायरी

"हो करके यूं दुनिया से मगन ढूंढ रहे थे.. मुश्किल है मगर अपना सा मन ढूंढ रहे थे। ऐसे मैं ढूंढता हूॅं तुझे तेरे शहर में.. जैसे सिया को राम-लखन ढूंढ रहे थे।। ©अनुपम अजनबी"

 हो  करके  यूं  दुनिया से  मगन ढूंढ रहे थे..
मुश्किल है मगर अपना सा मन ढूंढ रहे थे। 

ऐसे  मैं   ढूंढता हूॅं  तुझे   तेरे   शहर  में..
जैसे  सिया को  राम-लखन ढूंढ  रहे  थे।।

©अनुपम अजनबी

हो करके यूं दुनिया से मगन ढूंढ रहे थे.. मुश्किल है मगर अपना सा मन ढूंढ रहे थे। ऐसे मैं ढूंढता हूॅं तुझे तेरे शहर में.. जैसे सिया को राम-लखन ढूंढ रहे थे।। ©अनुपम अजनबी

#mountainsnearme #Love #anandmaurya

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