धड़कनों पर कहां जोर रहता है। जब तुम सामने रहते हो। | हिंदी Shayari

"धड़कनों पर कहां जोर रहता है। जब तुम सामने रहते हो। मैं तो खुद को भी भूल जाता हूं । जब तुम सामने रहते हो। होश में ना आना चाहूं कभी मैं। जब तुम मेरे ख्यालों में रहते हो। ©Khushi Amar goap"

 धड़कनों पर कहां जोर रहता है।
जब तुम सामने रहते हो।
मैं तो खुद को भी भूल जाता हूं ।
जब तुम सामने रहते हो।
होश में ना आना चाहूं कभी मैं।
जब तुम मेरे ख्यालों में रहते हो।

©Khushi Amar goap

धड़कनों पर कहां जोर रहता है। जब तुम सामने रहते हो। मैं तो खुद को भी भूल जाता हूं । जब तुम सामने रहते हो। होश में ना आना चाहूं कभी मैं। जब तुम मेरे ख्यालों में रहते हो। ©Khushi Amar goap

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