मैने देखा है उनलोगों को जो बस्तियों मे उसी वेदना के साथ रहते है ,
चाहे गर्मी हो ,ठंडी और हो बारिश हर मौसम मे कष्ट सेहते वही जीवन जीते ,
उसी गंदगी के बीच वही रहना , वही खाना , वही सोना एक ही जगह पे सारे कार्य करना ,
और कहीं ना कहीं उनके हज़ार सपने भी वही उसी झोपड़ी मे क़ैद हो जाते है,
मैंने देखा है उनलोगों के बहुत सारे ख़्वाब टूटते हुये ॥
©Kavi Patel