शहर को छोड़ कर हम तेरे किधर जाएंगे खुशबू हैं हम हवाओं मेँ बिखर जाएंगे आओगे जब हमारी गली मेँ तुम दुआ, सलाम और तहज़ीब बस यही घर का पता छोड़ जाएंगे और कुछ नहीं मिलेगा तुम्हें मेंरे घर से पंकज चन डायरी के पन्ने, चारपाई, मटका और बुझा हुआ चिराग छोड़ जाएंगे l
©PANKAJ BATHLA
#Loneliness