वो आई मेरी राहों में और मुझको राहों में छोड़ गई कु
"वो आई मेरी राहों में और मुझको राहों में छोड़ गई
कुछ पल मेंरे साथ रही और मेरी किस्मत को मोड़ गई
खुद तो आराम से सोई है किसी रकीब की बाहों में
मुझको तो वो ज़ालिम काटों की चादर पर छोड़ गई
@vineet kumar shakya"
वो आई मेरी राहों में और मुझको राहों में छोड़ गई
कुछ पल मेंरे साथ रही और मेरी किस्मत को मोड़ गई
खुद तो आराम से सोई है किसी रकीब की बाहों में
मुझको तो वो ज़ालिम काटों की चादर पर छोड़ गई
@vineet kumar shakya