नारी" तू जनदायनी है, हम सबने तुझसे से ही जीवन पा

""नारी" तू जनदायनी है, हम सबने तुझसे से ही जीवन पाया हैं, "नारी" तू नारायणी हैं, वेदों ने तेरा सबसे उच्च स्थान बताया हैं, --कवि पवन आर्य ईश्वर के बाद सर्वप्रथम पूजनीय एक "स्त्री" होती हैं क्योंकि जैसे सम्पूर्ण "श्रृष्टि" को जन्म देने वाला 'ईश्वर' हैं, वैसे ही इस सम्पूर्ण मानव जाति को जन्म देने वाली एक स्त्री हैं। --ऋगवेद जिस कुल में नारियों की पूजा अर्थात् सत्कार होता है उस कुल में दिव्य गुण-दिव्य भोग, उत्तम सन्तान और ईश्वर का निवास होता हैं और जिस कुल में स्त्रियों का आदर नहीं होता, वहां सब कार्य निष्फल हैं । --मनुस्मृति ©पवन आर्य"

 "नारी"  तू जनदायनी है,
हम सबने तुझसे से ही जीवन पाया हैं,
"नारी"  तू  नारायणी  हैं,
वेदों ने तेरा सबसे उच्च स्थान बताया हैं,
--कवि पवन आर्य

ईश्वर के बाद सर्वप्रथम पूजनीय एक "स्त्री" होती हैं 
क्योंकि जैसे सम्पूर्ण "श्रृष्टि" को जन्म देने वाला 'ईश्वर' हैं, 
वैसे ही इस सम्पूर्ण मानव जाति को 
जन्म देने वाली एक स्त्री हैं।
--ऋगवेद

जिस कुल में नारियों की पूजा अर्थात् सत्कार होता है 
उस कुल में दिव्य गुण-दिव्य भोग, उत्तम सन्तान और ईश्वर का निवास होता हैं और जिस कुल में स्त्रियों का आदर नहीं होता,
 वहां सब  कार्य निष्फल हैं ।
--मनुस्मृति

©पवन आर्य

"नारी" तू जनदायनी है, हम सबने तुझसे से ही जीवन पाया हैं, "नारी" तू नारायणी हैं, वेदों ने तेरा सबसे उच्च स्थान बताया हैं, --कवि पवन आर्य ईश्वर के बाद सर्वप्रथम पूजनीय एक "स्त्री" होती हैं क्योंकि जैसे सम्पूर्ण "श्रृष्टि" को जन्म देने वाला 'ईश्वर' हैं, वैसे ही इस सम्पूर्ण मानव जाति को जन्म देने वाली एक स्त्री हैं। --ऋगवेद जिस कुल में नारियों की पूजा अर्थात् सत्कार होता है उस कुल में दिव्य गुण-दिव्य भोग, उत्तम सन्तान और ईश्वर का निवास होता हैं और जिस कुल में स्त्रियों का आदर नहीं होता, वहां सब कार्य निष्फल हैं । --मनुस्मृति ©पवन आर्य

#Womens_Day

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