चले गए हो मगर विश्वाश नही होती है। चाह कर भी तुमसे | हिंदी शायरी

"चले गए हो मगर विश्वाश नही होती है। चाह कर भी तुमसे कोई बात नही होती है।। किसी तरह तो दिन गुजार ही लेता हूं। ना तड़पें तेरे बिन कोई रात नही होती है।। © RK SHUKLA"

 चले गए हो मगर विश्वाश नही होती है।
चाह कर भी तुमसे कोई बात नही होती है।।
किसी तरह तो दिन गुजार ही लेता हूं।
ना तड़पें तेरे बिन कोई रात नही होती है।।

© RK  SHUKLA

चले गए हो मगर विश्वाश नही होती है। चाह कर भी तुमसे कोई बात नही होती है।। किसी तरह तो दिन गुजार ही लेता हूं। ना तड़पें तेरे बिन कोई रात नही होती है।। © RK SHUKLA

#selflove

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