अपने ख्यालों और ख़्वाबों में उसकी सूरत सी गढ़ता रहा। | हिंदी Love Video
"अपने ख्यालों और ख़्वाबों में उसकी सूरत सी गढ़ता रहा।
उसके लिखे आखिरी खत को मैं बार बार पढ़ता रहा।।
किस खता से हुए अलग इसकी भनक तक नही ।
अपने किये का दोष मैं भाग्य पर मढ़ता रहा।।
"
अपने ख्यालों और ख़्वाबों में उसकी सूरत सी गढ़ता रहा।
उसके लिखे आखिरी खत को मैं बार बार पढ़ता रहा।।
किस खता से हुए अलग इसकी भनक तक नही ।
अपने किये का दोष मैं भाग्य पर मढ़ता रहा।।