मेरे सपनों के लिए,,,
पापा को धूप में जलते देखा है !
मेरे दो वक़्त की रोटी के लिए
चुल्हे में मां के हाथो को जलते देखा है !
और कैसे मै रुक जाऊ इस सफर पर
कैसे ओढ़ लू मै आलस का चादर !
मेरे सपनों को मा बाबा की आंखों मै पलते देखा है !
पापा की पसीने की हर एक बूंद का मुझे ठंडक बनना है
मां के हाथो की उस जलन का मुझे मरहम बनना हैं ।।
©varshu🦋
#Dreams