छुपा ले ना मां,
अपने आंचल में छुपा ले मां,
जब से तेरी गोद छूटी है,
हर रोज़ एक चोट लगी,
पर दुलारने वाला कोई नहीं,
अब आंसू दिखते नहीं बस अंदर ही अंदर घुट रहा हूं!
बड़ा होना इतना अकेला कर देगा,
सोचा ना था,
बस दर्द में जी रहा हूं,
आंसू पी रहा हूं,
मां शायद मैं मर रहा हूं...
❤️मां❤️
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