नए दौर मे नया कदम उठाना चाहे हो हार पर तु खुद को स | हिंदी कविता

"नए दौर मे नया कदम उठाना चाहे हो हार पर तु खुद को संभालना कोई कितने भी दे ताने तुम दिल की आग को जलाना कल का बूझ आज क्यू उठाना ©Parmeshwar Janjire"

 नए दौर मे नया कदम उठाना
चाहे हो हार पर तु खुद को संभालना
कोई कितने भी दे ताने
तुम दिल की आग को जलाना
कल का बूझ आज क्यू उठाना

©Parmeshwar Janjire

नए दौर मे नया कदम उठाना चाहे हो हार पर तु खुद को संभालना कोई कितने भी दे ताने तुम दिल की आग को जलाना कल का बूझ आज क्यू उठाना ©Parmeshwar Janjire

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