मेरी तलब पे तो हैरान है आसमा भी.. के मैंने चाँद नह | हिंदी Shayari

"मेरी तलब पे तो हैरान है आसमा भी.. के मैंने चाँद नही उस का दाग माँगा है ।"

 मेरी तलब पे तो हैरान है आसमा भी..
के मैंने चाँद नही उस का दाग माँगा है ।

मेरी तलब पे तो हैरान है आसमा भी.. के मैंने चाँद नही उस का दाग माँगा है ।

#daagichand

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