अपने हाथों को मेरे हाथों में लोगे क्या
मैं कुछ लिखूं तुम पर लिखने की इजाजत दोगे मुझको क्या
तारीफ करूं तुम्हारे होठों की या बालों की
इनमें खो जाने की इजाजत दोगीं मुझको क्या
जाने दो ना मुझको यूं अकेली राहों में तन्हां
मैं आऊ राहों पर तुम्हारे आने की इजाजत दोगी मुझको क्या
सम्भालां है किस तरह खुदको समझ ये आगया मुझको
मैं तुम पर फिसल जाऊं फिसलने की इजाजत दोगी मुझ को क्या
बात जब बात पर आए तो
बातों को बताने की इजाजत दोगी मुझको क्या
चांद तारों को देने की बातें मैं नहीं करता
तुम मेरा चांद बन जाना मुझे आसमा बनने की इजाजत दोगी क्या
अभी शोहरत नहीं मेरी और ना ही नाम है मेरा
अपने नाम को तुम्हारे नाम से जोडूं इजाजत दोगी मुझको क्या
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