Hindi SMS shayari मै अभी हू मशगूल खुदा की इबादत मै!
फिर भला कैसे पढू महोब्बत मै!
मेरे यारो कोई उस्से ये कह दो
बेशकर राबता बदला मगर
खल्ल आज भी नही है मेरी चाहत मै!
वो बनाना चाहती है हमनावा मुझे
मेरे पास किताबो के सिवा कुछ भी
नही है हकिकत मै!
कनक तेलंग
©kt
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