हर वो साया जो हर एक चाहता है ,
हर वो ममता जो हर एक को चाहिए,
हर वो मखमल वाली गोदी जो सबको चाहिए,
वो साया, वो ममता , वो गोदी ,
वो सिर्फ एक मां के पास है।
कैसे सोच समझ कर हर रिश्ता निभाती है,
किसी को भेदभाव न रखकर सबको एक जैसा रखती है ,
अपने सपनो को भूल कर परिवार को संभालती है,
वो एक मां है जो खुद पसीने में रह कर सबका पेट भरती है।
©Samiksha Chaturvedi
#MothersDay