सूना हैं... दिन सूहाने और शामे रंगीन हो गई । टूटी | हिंदी शायरी
"सूना हैं...
दिन सूहाने और शामे रंगीन हो गई ।
टूटी हुई आंस भी संगिन हो गई ।
चलो मुबारक ,
तुम्हे नये महबूब का कन्धा ,
हमारी तो "अंतिम सांस" भी खत्म हो गई ।"
सूना हैं...
दिन सूहाने और शामे रंगीन हो गई ।
टूटी हुई आंस भी संगिन हो गई ।
चलो मुबारक ,
तुम्हे नये महबूब का कन्धा ,
हमारी तो "अंतिम सांस" भी खत्म हो गई ।