जमाने भर के जख्म समेटे हुए हैं फिर भी करता कभी | हिंदी शायरी

"जमाने भर के जख्म समेटे हुए हैं फिर भी करता कभी ये शोर नहीं ... अपनी खुशियों हंसकर छोड देते हैं परिवार से बढकर इनके लिए कुछ और नहीं ... कितना समर्पित होता है एक मर्द अपने जीवन में ... और फिर भी यह सवाल है कि '... ©alone Manish forever #"

 जमाने भर के जख्म 

समेटे हुए हैं 

फिर भी करता कभी 

ये 

शोर नहीं ...


अपनी खुशियों हंसकर 

छोड देते हैं 

परिवार से बढकर 

इनके लिए 

कुछ और नहीं ...

कितना  समर्पित होता है 

एक मर्द 

अपने जीवन में ...

और फिर भी यह सवाल है कि '...

©alone Manish forever #

जमाने भर के जख्म समेटे हुए हैं फिर भी करता कभी ये शोर नहीं ... अपनी खुशियों हंसकर छोड देते हैं परिवार से बढकर इनके लिए कुछ और नहीं ... कितना समर्पित होता है एक मर्द अपने जीवन में ... और फिर भी यह सवाल है कि '... ©alone Manish forever #

alon manish forever

People who shared love close

More like this

Trending Topic