आसमां में घीरें जब भी काली घटाएं वक्त का पहिया थम | हिंदी कविता Video

""आसमां में घीरें जब भी काली घटाएं वक्त का पहिया थम सा जाए मन खो जाए यादों में उसकी इक चंचल निश्छल रमणी जो भींगती बारिश में बाहें फैलाए" 'निश्छल रमणी' कविता से ©Kirbadh "

"आसमां में घीरें जब भी काली घटाएं वक्त का पहिया थम सा जाए मन खो जाए यादों में उसकी इक चंचल निश्छल रमणी जो भींगती बारिश में बाहें फैलाए" 'निश्छल रमणी' कविता से ©Kirbadh

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