हे अम्बिके जगदम्बिके,
हे दैत्य वंश विनाशिनी..
तेरी शरण.. तेरी शरण..
कर चक्र शंख त्रिशूल खड्ग
कृपाण शर-धनुधारिणी..
हे चंड मुंड विदारणी
हे रक्तबीज सँहारिणी..
तेरी शरण.. तेरी शरण..
भय हारिणी भव तारिणी
ममतामयी जग पालिनी..
तू ही शिवा तू शैलजा
तू शारदे सिंहवाहिनी..
तेरी शरण.. तेरी शरण..
भवताप हर संताप हर
सुख कर प्रदा सुखदायनी..
अर्पण तुम्हें श्रद्धा सुमन
वर दे भगत वरदायनी..
तेरी शरण.. तेरी शरण..
©अज्ञात
#माँ