"उम्मीदों के शहर में,
दौड़ भाग ये ज़िंदगी....
छुप छुप कर चलती ये ख्वाहिशें,
रंग लाती रंगों की सादगी...
रास्ते सबके अलग है ओ...जिंदगी,
उंगली थाम चल जहां पूरी होती हर किसीके ख्वाहिशें,
जहां मिलती सबको खुशी है... वहा ले चल जहां मिलती नई जिंदगी है!....
©pranali bajirao
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