"सोचा चांद पे जाऊ,
थोडीसी मिट्टी लाऊ,
उससे दो पुतले बनावू,
एक तेरा -एक मेरा...
वापस दोनो पुतलो को मोड दु,
सब मिट्टी एक कर दु,
उससे दो और पुतले बनावू,
एक तेरा-एक मेरा,
क्योकी मुझमे कूछ तेरा है,
और तुझमे कुछ मेरा..."
सोचा चांद पे जाऊ,
थोडीसी मिट्टी लाऊ,
उससे दो पुतले बनावू,
एक तेरा -एक मेरा...
वापस दोनो पुतलो को मोड दु,
सब मिट्टी एक कर दु,
उससे दो और पुतले बनावू,
एक तेरा-एक मेरा,
क्योकी मुझमे कूछ तेरा है,
और तुझमे कुछ मेरा...