मैंने उसे भूलने की खूब कोशिश की, लेकिन एक दिन वो हमें वही पुरानी चाचा जी की दुकान में मिल ही गई
कमबख्त पता नहीं उस समय मेरे साथ क्या हुआ मेरे आख से एकाएक आंसू निकल पड़े वो पगली अब भी इस गुमनाम आशिक कि शायद आश लगाए हुए थी
hart touching#written by Arjun Singh#