"उनकी नजरों से छिपा के रक्खे थे,
कईं ख्वाब मैंने अपने दिल की अलमारी में,
पर न जाने कैसे उन्हें पता चल गया,
वो मेरे दिल की अलमारी चुरा ले गये,
और उन ख्वाबों को अपनी बना लिया।
सुरजीत"
उनकी नजरों से छिपा के रक्खे थे,
कईं ख्वाब मैंने अपने दिल की अलमारी में,
पर न जाने कैसे उन्हें पता चल गया,
वो मेरे दिल की अलमारी चुरा ले गये,
और उन ख्वाबों को अपनी बना लिया।
सुरजीत