कितना टूटा हु में यह बताऊ केसे,
मैं ये दुनिया छोड़ कर जाऊँ केसे,
मेरे सपने मेरे अपने सब यही है मगर ये जिन्दगी अकेले बिताऊ केसे,
कोई समझने को नहीं,
कोई गरजने को नहीं
मैं खुद में सिमट कर मर जाऊँ केसे,
हालांकि कोशिशें तो ये भी बहुत कि मगर
माँ पापा और परिवार का आखिरी सहारा हु उन्हें एसे छोड़ दूँ केसे,
अक्सर लोग कहते मुझे तू भी भूल जा उसे जेसे उसनें बुलाया तुझे,
गलत करके ग़लत बताया तुझे,
अरे यारों मुझे भी याद है उसकी बेवफाई,
झूठी बाते, झूठे वादे, झूठी कसमें और झूठा प्यार,
पर
मेने तो सच्ची मोहब्बत कि हैं उससे,
तो भला में में अपनी मोहब्बत को भूल जाऊँ केसे, ।।
©Ajay Singh Rathore
#Pyar