Happy Childrens Day घंटी गले बजे है घन-घन, वन से आते पशुओं की।
किलकारी से गूँजे है घर, छोटे छोटे शिशुओं की।।
बिन किलकारी सूना लगता, है अपना ही घर द्वारा।
बालक जब खिल-खिल हैं करते, होता प्रसन्न जग सारा।।
देख दृश्य यह हैं लहराती, कई कतारें तरुओं की।
किलकारी से गूँजे है घर, छोटे - छोटे शिशुओं की।।
माँ पुचकारे पिता निहारे, बला उतारें नभ तारे।
भोली किलकारी सुन-सुन कर, दौड़ उन्हें बहिन दुलारे।।
नन्हें-नन्हें पग से जब दौड़ें,छनके ध्वनि घुंघरुओं की।
किलकारी से गूँजे है घर, छोटे-छोटे शिशुओं की।।
जादू सा किलकारी फेरे, गद-गद मन तब बन जाता।
पुलकित हो तब मात पिता का, जीवन मधुवन बन जाता।।
भाव विचारों में बिछ जाती,जैसे चमक जुगनुओं की।
किलकारी से गूँजे है घर, छोटे-छोटे शिशुओं की।।
©Godambari Negi
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