वो महफ़िल में आकर आहिस्ता से,
हमारे कान में ये कहकर चली गई..........
तुम हमारी तारीफ़ में भी बेहतर सी,
कोई तो ग़ज़ल अब सुनाओ न ज़रा.........
इतने लंबे अरसे से हम महफ़िल में,
अक्सर उनकी ही तारीफ़ करते रहे..........
हमारी महफ़िल में आने वालों कोई,
उन्हें हमारा हाल-ए-दिल बताओ ज़रा.......
©Poet Maddy
वो महफ़िल में आकर आहिस्ता से,
हमारे कान में ये कहकर चली गई..........
#GATHERING#Slowly#Ear#say#better#gazal#solong#often#condition........