【मैंने देखा हैं】
उड़ जाये चेहरा कुछ बोलने पर.!
लोगों का बदलते हुए ज़मीर देखा हैं.!!
पहचानने से भी इंकार कर देते हैं लोग.!
मिल जाये क़ामयाबी तो गुरूर देखा हैं.!!
फ़कत दुनियां झूठ की साथी हैं.!
मैंने सच को हमेशा मजबूर देखा हैं.!!
बात करने का लहज़ा बदल जाता हैं.!
अमीरों के दौलत का ये उसूल देखा हैं.!!
मेरे दोस्त करते हैं दुश्मन का काम .!
ज़माने में ये अजीब दस्तूर देखा हैं.!!
_साक्षी