कुछ रंग चुरा लूं गालो से तेरे, आ बालो में गुलाब सज
"कुछ रंग चुरा लूं गालो से तेरे,
आ बालो में गुलाब सजाने दे।
बैठ संग रंग दे मन मेरा तू,
चल आज थोड़ा रंगीन हो जाने दे।
मुस्कुरा दे हाथ पकड़ कर मेरा,
और मन-मन 'मन' लीन होने दे।
मिला लू अँखियाँ चुरा लू निंदिया,
चल आज जुर्म एक संगीन होने दे।"
कुछ रंग चुरा लूं गालो से तेरे,
आ बालो में गुलाब सजाने दे।
बैठ संग रंग दे मन मेरा तू,
चल आज थोड़ा रंगीन हो जाने दे।
मुस्कुरा दे हाथ पकड़ कर मेरा,
और मन-मन 'मन' लीन होने दे।
मिला लू अँखियाँ चुरा लू निंदिया,
चल आज जुर्म एक संगीन होने दे।