White आज मन उलझा है,
बवाल बहुत हैं !!
जवाब मिलेंगे क्या,
सवाल बहुत हैं ???
वो भूल गया है - मुझे बनाकर शायद,
खुद की पहचान की - मोहताज हूँ मैं।
कि सुकून नहीं - किसकी तलाश में हूँ,
शायद किसी मासूम से सपने की - आस हूँ मैं।
मुस्कुराने की कोई वजह - समझ नहीं आती,
बीते हुए बेहतरीन लम्हों की - प्यास हूँ मैं।
खोजने बैठूँ तो - कई हिस्से निकल आते हैं,
जाने कितने किस्सों की - तलाश हूँ मैं।
गर वफ़ा है तो मुझे - मिलती क्यूँ नहीं,
ये हुकुम, इक्का, गुलाम - क्या ताश हूँ मैं।
या हूँ चातक सी बस - एक नक्षत्र की आस में,
या किसी की,मुहब्बत की - तलाश हूँ मैं ...!!!
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©Neel
तलाश हूं मैं 🍁