"हम किसी रोज़ फिर इसी चौबारे मिलेंगे
बिछड़ कर नहीं लगता कि दोबारा मिलेंगे
उसी जगह फिर से पुकारते हुए तू चले आना
पलट के देखना सबसे पहले हम ही मिलेंगे
भटक भी जाना तो वापिस मत लौटना
रुख हवाओं से भी तुझे इशारे मिलेंगे
जब कभी याद आये तो बच्चों को अपने चूम लेना
लिपटना उनसे और लगेगा गले हम मिलेंगे
तू भी नहीं चाहती मिलना और यही ख़्वाहिश मेरी भी है
मगर मुझे लगता है कि हम फिर कभी ज़रूर मिलेंगे"