काश, जिंदगी सचमुच किताब होती, पढ़ सकता मैं की आगे क्या होगा ?
क्या पाउँगा मैं और क्या दिल खोयेगा ?
कब थोड़ी ख़ुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा ?
काश जिंदगी सचमुच किताब होती,
फाड़ सकता मै उन लम्हों को, जिन्होंने मुझे रुलाया है…
जोड़ता कुछ पन्ने जिनकी यादो ने मुझे हसाया है…
हिसाब तो लगा पता कितना खोया और कितना पाया है ?
काश जिंदगी सचमुच किताब होती, वक्त से आँखे चुराकर पीछे चला जाता…
टूटे सपनो को फिरसे अरमानो से सजाता, कुछ पल के लिए मैं भी मुस्कुराता…
काश, जिंदगी सचमुच किताब होती !!!
बांसुरी/ए.के
#Dard #Pain #Broken Ashwini chandel ऊषा माथुर Latika Sharma (गूँज) @Nidhi Srivastav # Shabd Sangeet# @Palak Vaish