"बस यही सवाल मन को बार बार कुरेदता रहा .
कि मैने प्यार क्यूँ किया...
क्यूँ किया खुद को उसके हवाले....
जब वो मेरा था ही नहीं...
तो क्यूँ खुदा उसको मेरे करीब लाया...
खोदता रहा वो मेरी क़ब्र...
जिसे मैं प्यार समझता रहा..."
बस यही सवाल मन को बार बार कुरेदता रहा .
कि मैने प्यार क्यूँ किया...
क्यूँ किया खुद को उसके हवाले....
जब वो मेरा था ही नहीं...
तो क्यूँ खुदा उसको मेरे करीब लाया...
खोदता रहा वो मेरी क़ब्र...
जिसे मैं प्यार समझता रहा...