रुबरु हम ही कर देते उन्हें अपने दिल के जज्बातों से | हिंदी शायरी
"रुबरु हम ही कर देते उन्हें अपने दिल के जज्बातों से,
मगर दिल ने दोस्ती कर ली है अतीत के हालातों से।
दिल का एक कोना महफूज रख्खा है फिर भी तुम्हारे लिए,
क्या खबर, कब बारिश हो जाये रेगिस्तानों में।"
रुबरु हम ही कर देते उन्हें अपने दिल के जज्बातों से,
मगर दिल ने दोस्ती कर ली है अतीत के हालातों से।
दिल का एक कोना महफूज रख्खा है फिर भी तुम्हारे लिए,
क्या खबर, कब बारिश हो जाये रेगिस्तानों में।