वो किसी और के हैं ये बात कब समझेगा,चाहत माना आज भी उन्ही की है इस दिल को,लेकिन वो किसी और की डोरी से बंधे हैं,दिल ये बात कब समझेगा ना समझ है नादान है,ये दिल आज भी उन्ही के लिए परेशान है,वो किस्मत में नही हमारे दिल ये बात अब नही तो कब समझेगा, तकदीर है वो अब किसी और के ये बात ये दिल कब समझेगा।।
©Shurbhi Sahu
आवारा दिल कब समझेगा