हर एक नदियाँ के होठों पर समन्दर का तराना है यहाँ | हिंदी शायरी
""हर एक नदियाँ के होठों पर समन्दर का तराना है
यहाँ फरहाद के आगे सदा कोई बहाना है,
वही बाते पुरानी थी वही किस्सा पुराना है
तुम्हारे और मेरे बीच में फिर से ज़माना है...!! "
#KV......"
"हर एक नदियाँ के होठों पर समन्दर का तराना है
यहाँ फरहाद के आगे सदा कोई बहाना है,
वही बाते पुरानी थी वही किस्सा पुराना है
तुम्हारे और मेरे बीच में फिर से ज़माना है...!! "
#KV......