होठों पर मुस्कान लिए, दिल में दर्द छिपायें बैंठे ह | हिंदी कविता

"होठों पर मुस्कान लिए, दिल में दर्द छिपायें बैंठे हैं। लोग हमें धीरज रखने को कहते हैं, अरे हम राणा जी के वंशज हैं,सीने को पत्थर से लगायें बैठें हैं।। ©pratibha Singh thakur"

 होठों पर मुस्कान लिए,
दिल में दर्द छिपायें बैंठे हैं।
लोग हमें धीरज रखने को कहते हैं,
अरे हम राणा जी के वंशज हैं,सीने को पत्थर से लगायें बैठें हैं।।

©pratibha Singh thakur

होठों पर मुस्कान लिए, दिल में दर्द छिपायें बैंठे हैं। लोग हमें धीरज रखने को कहते हैं, अरे हम राणा जी के वंशज हैं,सीने को पत्थर से लगायें बैठें हैं।। ©pratibha Singh thakur

#maharanapratap के वंशज

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