जय माता दी
या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:
पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:
श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा,
तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्..
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परम करुणामयी सर्वानंद स्वरूपा शंकर हृदय विहारिणी
भक्तप्रतिपालक मां पराम्बा जगत जननी
भगवती महामाया राजराजेश्वरी सर्वशक्ति, योगेश्वरी
श्रीनवदुर्गादेवी जी की उपासना पर्व की शुभकामनाएं...
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©शैलेन्द्र यादव
भक्ति भजन