"कल जो शहर तुम्हारा था आज, जिसकी कागजी खुशियाँ उड़ गयी।
आज गांव हमारा हैं जिसमे पत्थर तक खुशियाँ बिखर गयी।।
लो अब ये शहर तुम्ही रख लो, मेरे गांव की यादें लौटा दो।
ये कागजी खुशबू ख़त्म हुई, अब मेरा फूल गुलाब का लौटा दो।।
H.l.k"
कल जो शहर तुम्हारा था आज, जिसकी कागजी खुशियाँ उड़ गयी।
आज गांव हमारा हैं जिसमे पत्थर तक खुशियाँ बिखर गयी।।
लो अब ये शहर तुम्ही रख लो, मेरे गांव की यादें लौटा दो।
ये कागजी खुशबू ख़त्म हुई, अब मेरा फूल गुलाब का लौटा दो।।
H.l.k