जब भी वक्त पर अपने ढलती है शाम, अचानक उसका एहसास ल | हिंदी Shayari

"जब भी वक्त पर अपने ढलती है शाम, अचानक उसका एहसास लौट आता है......... दिन भर मसरूफ रहता है महबूब मेरा, मगर शाम को वो मेरे पास लौट आता है........ ©Poet Maddy"

 जब भी वक्त पर अपने ढलती है शाम,
अचानक उसका एहसास लौट आता है.........
दिन भर मसरूफ रहता है महबूब मेरा,
मगर शाम को वो मेरे पास लौट आता है........

©Poet Maddy

जब भी वक्त पर अपने ढलती है शाम, अचानक उसका एहसास लौट आता है......... दिन भर मसरूफ रहता है महबूब मेरा, मगर शाम को वो मेरे पास लौट आता है........ ©Poet Maddy

जब भी वक्त पर अपने ढलती है शाम,
अचानक उसका एहसास लौट आता है.........
#evening#Time#Suddenly#Feel#lover#Busy.......

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