पिता ने अपने 14 साल के बेटे के लिए दिन रात एक कर द

"पिता ने अपने 14 साल के बेटे के लिए दिन रात एक कर दिया। कई रिस्तेदारों ने भी मदद की लेकिन वह किशोर अपने जीवन के लिए लड़ता रहा। माँ का तो हाल बेहाल था जब उसने सुना कि इस बच्चे का बचना अब न मुमकिन है जब तक चल रहा है तब तक हमारी कोशिश जारी है। पिता ने बहुत सारा कर्ज भी ले लिया कि उसका बच्चा किसी तरह ठीक हो जाये और मन मे एक उम्मीद जगाये रहा। कुछ दिनों के लिए उसकी हालत में सुधार हुआ जिसके चलते ..डॉक्टर ने कहा कि अब उसे घर वापिस ले जा सकते हैं पिता और उसके घर वाले सभी खुश थे कि अब उनका बच्चा ठीक हो जाएगा और वह अपने बच्चे को खुशी-खुशी वापस घर ले आते हैं। कैंसर को हराना इतना आसान नही था, सबने अपनी तरफ से पूरी कोशिश पर शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था । कुछ दिन तक तो उसकी हालत में सुधार रहता है परंतु एक दिन अचानक उसके सीने में दर्द उठता है उसके पिता उसे लेकर फिर से भागते हैं हॉस्पिटल की तरफ लेकिन वह बच्चा हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही कैंसर से हारकर दम तोड़ देता है और हमेशा के लिए सबको छोड़कर इस दुनिया से चला जाता। ©ALOK Sharma"

 पिता ने अपने 14 साल के बेटे के लिए दिन रात एक कर दिया। कई रिस्तेदारों ने भी मदद की लेकिन वह किशोर अपने जीवन के लिए लड़ता रहा। माँ का तो हाल बेहाल था जब उसने सुना कि इस बच्चे का बचना अब न मुमकिन है जब तक चल रहा है तब तक हमारी कोशिश जारी है। 
पिता ने बहुत सारा कर्ज भी ले लिया कि उसका बच्चा किसी तरह ठीक हो जाये और मन मे एक उम्मीद जगाये रहा। 
कुछ दिनों के लिए उसकी हालत में सुधार हुआ जिसके चलते ..डॉक्टर ने कहा कि अब उसे घर वापिस ले जा सकते हैं पिता और उसके घर वाले सभी खुश थे कि अब उनका बच्चा ठीक हो जाएगा और वह अपने बच्चे को खुशी-खुशी वापस घर ले आते हैं। 
कैंसर को हराना इतना आसान नही था, सबने अपनी तरफ से पूरी कोशिश पर शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था । कुछ दिन तक तो उसकी हालत में सुधार रहता है परंतु एक दिन अचानक उसके सीने में दर्द उठता है उसके पिता उसे लेकर फिर से भागते हैं हॉस्पिटल की तरफ लेकिन  वह बच्चा हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही कैंसर से हारकर  दम तोड़ देता है और हमेशा के लिए सबको छोड़कर इस दुनिया से चला जाता।

©ALOK Sharma

पिता ने अपने 14 साल के बेटे के लिए दिन रात एक कर दिया। कई रिस्तेदारों ने भी मदद की लेकिन वह किशोर अपने जीवन के लिए लड़ता रहा। माँ का तो हाल बेहाल था जब उसने सुना कि इस बच्चे का बचना अब न मुमकिन है जब तक चल रहा है तब तक हमारी कोशिश जारी है। पिता ने बहुत सारा कर्ज भी ले लिया कि उसका बच्चा किसी तरह ठीक हो जाये और मन मे एक उम्मीद जगाये रहा। कुछ दिनों के लिए उसकी हालत में सुधार हुआ जिसके चलते ..डॉक्टर ने कहा कि अब उसे घर वापिस ले जा सकते हैं पिता और उसके घर वाले सभी खुश थे कि अब उनका बच्चा ठीक हो जाएगा और वह अपने बच्चे को खुशी-खुशी वापस घर ले आते हैं। कैंसर को हराना इतना आसान नही था, सबने अपनी तरफ से पूरी कोशिश पर शायद कुदरत को कुछ और ही मंजूर था । कुछ दिन तक तो उसकी हालत में सुधार रहता है परंतु एक दिन अचानक उसके सीने में दर्द उठता है उसके पिता उसे लेकर फिर से भागते हैं हॉस्पिटल की तरफ लेकिन वह बच्चा हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही कैंसर से हारकर दम तोड़ देता है और हमेशा के लिए सबको छोड़कर इस दुनिया से चला जाता। ©ALOK Sharma

पिता ने अपने 14 साल के बेटे के लिए दिन रात एक कर दिया। कई रिस्तेदारों ने भी मदद की लेकिन वह किशोर अपने जीवन के लिए लड़ता रहा। माँ का तो हाल बेहाल था जब उसने सुना कि इस बच्चे का बचना अब न मुमकिन है जब तक चल रहा है तब तक हमारी कोशिश जारी है।
पिता ने बहुत सारा कर्ज भी ले लिया कि उसका बच्चा किसी तरह ठीक हो जाये और मन मे एक उम्मीद जगाये रहा।
कुछ दिनों के लिए उसकी हालत में सुधार हुआ जिसके चलते ..डॉक्टर ने कहा कि अब उसे घर वापिस ले जा सकते हैं पिता और उसके घर वाले सभी खुश थे कि अब उनका बच्चा ठीक हो जा

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