कोशिश : a poetry by abhidev माना की खाक हूँ पर, सज | हिंदी Shayari Vid

"कोशिश : a poetry by abhidev माना की खाक हूँ पर, सजावट तो खिल रही है। मेरे गम कोशिशों में, सारी रात जग रहे हैं। चैन और सुकन लेकर, तन्हा तो कर गया है।"

कोशिश : a poetry by abhidev माना की खाक हूँ पर, सजावट तो खिल रही है। मेरे गम कोशिशों में, सारी रात जग रहे हैं। चैन और सुकन लेकर, तन्हा तो कर गया है।

मेरे गम कोशिशों में,
सारी रात जग रहे हैं।

#loveconvo @Bishnu kumar Jha @Breakup motivation @CoMeDy and GyAn @Bhojpuri famous Aasif Kha @Raj Aggarwal

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