तेरी चिता को जलते देखा मानो मैं भी राख हो गई वो स | हिंदी Life

"तेरी चिता को जलते देखा मानो मैं भी राख हो गई वो सरहद की हवा मेरा सब कुछ ले गई ।। तेरी अस्थियों की राख मेरी किस्मत लिख गई इश्क और जंग के खेल में मैं मोहरा बन गई हर लम्हा तेरे इंतजार मे बैठी थी मैं न जाने कब वो इम्तिहान बन गई।। वो बेचैन राते वो रातों का आलम वो मीठी सी यादें वो झुठे से वादे न जाने कब जिंदगी बन गई ।। वो पल इंतजार के अब मंजिल बन गई तुमसे मिलुँगी किसी मोड़ पर ये ख्वाहिश अब मोहब्बत बन गई।। ©Anjali Mishra"

 तेरी चिता को जलते देखा मानो मैं भी राख हो गई 
वो सरहद की हवा मेरा सब कुछ ले गई ।।
तेरी अस्थियों की राख मेरी किस्मत लिख गई 
इश्क और जंग के खेल में मैं मोहरा बन गई 
हर लम्हा तेरे इंतजार मे बैठी थी मैं 
न जाने कब वो इम्तिहान बन गई।।
वो बेचैन राते वो रातों का आलम वो मीठी सी यादें 
वो झुठे से वादे  न  जाने कब जिंदगी बन गई ।। 
वो पल इंतजार के अब मंजिल बन गई 
तुमसे मिलुँगी किसी मोड़ पर 
ये ख्वाहिश अब मोहब्बत बन गई।।

©Anjali Mishra

तेरी चिता को जलते देखा मानो मैं भी राख हो गई वो सरहद की हवा मेरा सब कुछ ले गई ।। तेरी अस्थियों की राख मेरी किस्मत लिख गई इश्क और जंग के खेल में मैं मोहरा बन गई हर लम्हा तेरे इंतजार मे बैठी थी मैं न जाने कब वो इम्तिहान बन गई।। वो बेचैन राते वो रातों का आलम वो मीठी सी यादें वो झुठे से वादे न जाने कब जिंदगी बन गई ।। वो पल इंतजार के अब मंजिल बन गई तुमसे मिलुँगी किसी मोड़ पर ये ख्वाहिश अब मोहब्बत बन गई।। ©Anjali Mishra

For Dimple cheema who loved Vikram Batra

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