सर झुक चुके हैं अब कोई एहतियात नहीं रखता......
कहीं नोच ना डाले बेटी को इसलिए अब हर बाप बेटी की उम्मीद नहीं रखता.....
©manish sharma
एक चीख
काली रात थी और वो देर रात
बाहर थीं.......
महज 7 साल उम्र उसकी ओर
तुम बात कर रहें हों उसके लिबास की....
छोटी सी बात पर मुस्कुरा देने वाली...
लाड़ली थीं हम सब की.....
आज हर सुबह चीख से जग जाते हैं...