#बरसात
हवा का झोंका चला भरा बादल लेकर
तब जाकर बारिश रिमझिम बूंदे लाती है
सागर से उठी बूंद बादल संग उड़ कर
नभ से गिर के पत्तों को नहला जाती है
नदी नाले तालाब चलते सब मचल कर
कड़ी धूप से तपती धरा सुकून पाती है
बच्चे खुश होते काग़ज़ की कश्ती बनाकर
झूम झूम के नाचते मस्ती खूब भाती है
प्रकृति नव यौवना सी दिखती बरसात में
इंद्रधनुष के भी रंग नजर आते बरसात मे
इन बूंदों ने छुआ जब मेरे तन को आकार
पलकों में बंद बूंद भी साथ बाहर आती है
कितने सावन आए चले गए यूँ तरसा कर
तेरी याद रह रह के हर बार मुझे रुलाती है
©vineetapanchal
#Barsaat #mausam #sawan