मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही; अब रातों को जागना

"मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही; अब रातों को जागना अच्छा लगता है; मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं; मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है। पूरब"

 मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही;
अब रातों को जागना अच्छा लगता है;
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं;
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है।


पूरब

मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही; अब रातों को जागना अच्छा लगता है; मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं; मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है। पूरब

#solace
Deep thought
#Yaad

People who shared love close

More like this

Trending Topic